Zobox Success Story: आजकल हम देख ही रहे हैं कि हमारा देश स्टार्टअप्स का हब बनता जा रहा है। देश में आए देना हजारों स्टार्टअप शुरू किए जय रहे हैं। इसके साथ ही 100 से अधिक स्टार्टअप्स तो यूनिकॉर्न का रूप ले चुके हैं। इस बात से यह पता चलता है कि देश में स्टार्टअप्स की ग्रोथ कितनी तेजी से हो रही है।
आज के आर्टिकल में भी हम ऐसी ही एक Success Story लेकर आए हैं, जो पुराने स्मार्टफोन के साथ शुरू हुई थी और आज करोड़ का बिजनेस बन चुका है। आज हम बात करने वाले हैं Zobox Success Story के बारे में।
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कौन हैं Neeraj Chopra?
भारत की राजधानी दिल्ली में जन्मे नीरज चोपड़ा एक बिजनेसमैन हैं। Neeraj Chopra को जो बॉक्स (Zobox) स्टार्टअप के फाउंडर के तोर पर जाना जाता है।
ऐसी हुई Zobox Success Story की शुरुआत
नीरज चोपड़ा के दादाजी देश के विभाजन के दौरान पाकिस्तान से भारत आए थे। उन्होंने पाकिस्तान में अपना सब कुछ छोड़ दिया था और भारत आकर नया बनाया था। नीरज के पिता हांगकांग (Hongkong) में इंपोर्ट एक्सपोर्ट का करोबार चलाते थे। इस वजह से नीरज जब 18 वर्ष के हुए तो साल 2000 में वह अपने पिता के पास हांगकांग चले गए।
हांगकांग पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई वहीं से पूरी की और 12 सालों तक अपने पिता का करोबार भी संभाला। साल 2012 में उनके चाचा जी का निधन होने पर उन्हें अचानक भारत लौटना पड़ा।
कोरोना काल में शुरू किया था बिजनेस!
आपको बता दें कि नीरज ने जब Zobox कंपनी की शुरुआत की थी, उस समय देश में लॉकडाउन लग गया था। इस वजह से उन्होंने अपना बिजनेस कुछ समय बाद साल 2020 के अंत में शुरू किया था। उन्होंने अपनी कंपनी के जरिए पुराने मोबाइलों को Refurnish करके बेचना शुरू कर दिया।
पहले नीरज पुराने मोबाइल खरीद लेते हैं और उन्हें सही करके दोबारा बेचते हैं। इस बिजनेस की शुरुआत करते ही यह तेजी से आगे बढ़ने लगा। शुरुआती दौर उनके लिए थोड़ा मुश्किल रहा था, क्योंकि उस वक्त उन्हें कोई अच्छा रिस्पांस नहीं मिलता था। शुरूआत में वह जैसे तैसे सिर्फ 100 मोबाइल ही बेच पाते थे। हालांकि, आज कहानी कुछ अलग ही है।
आज बन चुकी है करोड़ों की कंपनी!
आपको बता दें कि कोरोना काल में शुरू हुई यह कंपनी आज करोड़ों की बन चुकी है। एक वक्त ऐसा भी था जब नीरज Zobox के मुश्किल से कुछ ही मोबाइल बेच पाते थे। हालांकि, आज हर दिन वह 20 से 25 हजार मोबाइल फोन आसानी से बेंच देते हैं।
इसके साथ ही नीरज चोपड़ा ने दिल्ली के करोलबाग में एक छोटा सा स्टोर भी बनाया है। यहां पर उनकी टीम मोबाइल रिपेयरिंग का काम करती है। वहीं Zobox Success Story को देखते हुए यदि हम इसके टर्नओवर की बात करें तो इस कंपनी का 50 करोड रुपए तक पहुंच गया है। यही कारण है कि Zobox कंपनी करोड़ों की बन चुकी है।
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