Mohan Yadav Biography: मध्य प्रदेश में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद सीएम के नाम का खुलासा कर दिया गया है। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सीएम के नाम की घोषण कर दी है। बीजेपी ने मोहन यादव (Mohan Yadav) को मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री (MP BJP New CM) बना दिया है। विधायक दल की बैठक में उनके नाम का ऐलान कर दिया गया है। मोहन यादव (Mohan Yadav) लगातर तीन बार से विधायक का चुनाव जीत रहे हैं। तो चलिए जानते हैं मोहन यादव की जीवनी (Mohan Yadav Biography) के बारे में।
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कौन है MP के CM मोहन यादव (Who is MP CM Mohan Yadav)?
Mohan Yadav Biography
पूरा नाम | मोहन यादव |
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पिता का नाम | श्री पूनमचंद यादव |
जन्म तिथि | 25 मार्च, 1965 |
उम्र | 57 वर्ष |
जन्म स्थान | उज्जैन |
ग्रहनगर | उज्जैन मध्यप्रदेश |
धर्म | हिन्दू |
जाति | ओबीसी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी | श्रीमती सीमा यादव |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
संतानें | 2 पुत्र, 1 पुत्री |
शैक्षिक योग्यता | बी.एस.सी., एल-एल.बी., एम.ए.(राज.विज्ञान), एम.बी.ए., पी.एच.डी. |
व्यवसाय | अभिभाषक, व्यापार, कृषि |
अभिरुचि | पर्यटन, संस्कृति, इतिहास, विज्ञान, खेल |
Mohan Yadav का जन्म 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था। उन्होंने शुरूआत की पढ़ाई उज्जैन से ही पूरी की है। यहीं से उनके पॉलिटिकल करियर की शुरुआत भी हुई है। मोहन यादव ने अपने छात्र जीवन में ही पॉलिटिक्स में अपना कदम रखा और फिर आगे बढ़ते गए। Mohan Yadav की शादी सीमा यादव से हुई है। उनके तीन बच्चे हैं। जिसमें दो बेटे और एक बेटी शामिल है।
मोहन यादव का पॉलिटिकल करियर (Mohan Yadav political career)
साल 2013 में मोहन यादव पहली बार उज्जैन साउथ सीट से विधायक बने थे। इसके बाद वह साल 2018 में मध्य प्रदेश असेंबली इलेक्शन में एक बार फिर इलेक्ट हुए और उज्जैन दक्षिण सीट से ही विधायक बने। फिर साल 2020 में मोहन यादव ने शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के नेतृत्व में राज्य में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। उस दौरान Mohan Yadav को शिवराज की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री का पद सौंपा गया था। इसके बाद साल 2023 के विधान सभा चुनाव में सीएम मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक चुने गए हैं।
मोहन यादव से संबंधित विवाद (Mohan Yadav Controversies)
साल 2020 में मोहन यादव को चुनाव आयोग ने असभ्य भाषा के लिए नोटिस जारी किया था। साथ ही 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर रोक भी लगा दी थी। वहीं, साल 2021 में वह उस वक्त विवाद का हिस्सा बन गए, जब उच्च शिक्षा विभाग ने एक कानून पास किया था। इस कानून में कहा गया था कि अगर किसी छात्र के खिलाफ क्रिमिनल रिकॉर्ड है तो उसे कॉलेज में एंट्री नहीं दी जाएगी। इनके अलावा भी उन्होंने कई और विवादित बयान दिए हैं, जिसकी वजह से पार्टी असहज हो गई थी।
मोहन यादव छात्र पॉलिटिक्स से कब जुड़े
- साल 1984 में मोहन यादव ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और साल 1986 में विभाग प्रमुख की कमान संभाली थी।
- वहीं, साल 1988 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मेंबर भी रहे हैं।
- मोहन यादव 1989 से 1990 तक परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और साल 1991 से 1992 तक परिषद के राष्ट्रीय मंत्री भी रहे हैं।
- उन्होंने 1993 से 1995 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह के तौर पर काम किया है।
- साल 1997 में उन्होंने भाजयुमो प्रदेश समिति में काम किया। फिर 1998 में वह पश्चिम रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बन गए।
- साल 2004 से 2010 तक उन्होंने उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) के पद पर काम किया। वहीं, साल 2011 से 2013 तक वह मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष भी बन चुके हैं।
मोहन यादव की कुल संपत्ति (Mohan Yadav Net worth)
मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव (MP New CM Mohan Yadav) के पास कुल 42 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इलेक्शन कमीशन को दिए एफिडेविट के अनुसार उन पर 9 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। आज वह मध्यप्रदेश के अमीर नेताओं की लिस्ट में शामिल हैं।
FAQ
Ans : मध्य प्रदेश के होने वाले CM
Ans : MA तक पढ़ाई की हैं और PhD भी किया हैं.
Ans : इनका जन्म 25 मार्च 1965 में हुआ था.
Ans : हाँ संबंधित थे.
Ans : तीन बार बन चुके हैं.
Ans : डॉ मोहन यादव का